Thursday 8 November 2012

राज्योत्सव बनाम राय-पुरोत्सव

समझ नहीं आ रहा है के इस राज्योत्सव को क्या कहूं... मुझे तो ये राय-पुरोत्सव ही ज्यादा लगता है... क्योंकि छत्तीसगढ़ राज्य का बस एक ही मतलब है.. रायपुर.. बाकी जिलों का क्या हाल है ये मेरे बाकी मित्र बहुत अच्छे से जानते ही होंगे जो रायपुर में नहीं रहते.. कहीं और बसते हैं.... पूरा विकास.. पूरी उन्नति सिर्फ और सिर्फ रायपुर की ही हो रही है... ऐसा लगता है मानो क छत्तीसगढ़ राज्य में बस एक ही शहर है... रायपुर ... और वो भी ऐसा.. जहा न सडको का ठिकाना है.. न रौशनी का.. और अब तो ये भी इस हालत में है मानो छत्तीसगढ़ की सौतेली औलाद हो... जैसे की बाकी जिले छत्तीसगढ़ की सौतेली औलादे हैं... धीरे धीरे वही हाल रायपुर का भी हो रहा है... अब तक छत्तीसगढ़ की एक सगी और २६ सौतेली औलादे थी.. अब पूरी २७ सौतेली औलादे हैं... रायपुर भी अब सौतेली औलाद हो गया है... क्योंकि अब एक नयी सगी औलाद आ गई है.. नया रायपुर...
 
नया रायपुर... सुन्दरता का प्रतीक... स्वच्छता और सौंदर्य का पर्यायवाची... भारत का होने वाला सबसे सुन्दर.. आधुनिक.. और व्यवस्थित नगर... इस नए रायपुर को बनाने में जो लागत लग रही है... अगर उसका १० प्रतिशत भी बाकी २६-२७ सौतेली औलादों के हिस्से में खर्च कर दिया जाए... तो वहाँ की मूलभूत सुविधाओ के हाहाकार का अंत किया जा सकता है... मगर हमारी सरकार को इस बात का होश नहीं है के बाकी के जिलों की क्या हालत है.. और फिर भी हमारी सरकार राज्योत्सव मना रही है... जहां करीना कपूर के ६ मिनट के परफॉरमेंस के लिए करोड़ों रुपये स्वाहा हो गए... बड़े बड़े नेता और अभिनेताओं को बुलाकर राज्योत्सव मनाया जा रहा है... कभी भी उन नेताओं या अभिनेताओ को नए रायपुर के अलावा कुछ और नहीं दिखाया जाता... अगर दिखा देंगे तो ढोल का पोल दिख जाएगा... बहरहाल... राज्योत्सव बड़े धूम धाम से मनाया गया... लोगों ने करीना कपूर के ६ मिनट के ठुमकों का खूब मज़ा लिया... माफ़ कीजिये.. लिया के नहीं लिया मुझे नहीं पता... लेकिन करीना ने छत्तीसगढ़ सरकार से लिए रुपयों का खूब मज़ा लिया होगा... आखिर करोड़ों रुपयों की बात है...
 
मुझे ये समझ नहीं आता के सरकार आखिर राज्योत्सव का आयोजन ही क्यों करती है.... और आखिर कब तक राज्योत्सव के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किये जाएंगे... किस बात की ख़ुशी है सरकार को के हर साल राज्योत्सव के नाम पर करोड़ों रूपये फूंक देती है ये सरकार... और किसे और क्यों दिखाना चाहती है के छत्तीसगढ़ का राज्योत्सव इतना भव्य होता है..?? किस बात पर फक्र करती है राज्य सरकार...??? ३ रु. किलो चावल बांटने पर..?? टूटी फूटी सड़कों पर..?? अँधेरे रास्तो पर...??? पानी के लिए लाइन में खड़ी झगडा करती औरतों पर...??? नक्सलवाद पर..??? नक्सलवाद की लड़ाई में शीद हुए जवानों की शहादत पर..??? एक साथ सैकड़ो लोगों की आँखों की रौशनी छिनने पर...???? आखिर किस बात पर फक्र करती है ये सरकार...??? जितना पैसा सरकार एक साल में राज्योत्सव पर खर्च करती है... उससे न जाने कितने ऐसे काम किये जा सकते हैं.. जिससे सबका भला हो सकता है... कितनी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है... आज छत्तीसगढ़ पूरे देश में सबसे ज्यादा किसी बात के नाम से जाना जाता है तो वो है नक्सलवाद... किसी भी दुसरे राज्य के लोगों से छत्तीसगढ़ के बारे में बात कीजिये.. बस वो यही कहेगा के छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की बहुत समस्या है ना... और आपको आँखे झुका कर कहना पड़ता है है के हाँ.. ऐसा है... मगर इस बात से राज्य सरकार को क्या लेना देना.. सरकार तो करीना के ठुमको के मज़े लेने में व्यस्त है... सोनू निगम के गाने सुनने में मस्त है...
 
मेरा उद्देश्य किसी भी प्रकार से तरक्की का विरोध करना नहीं है.. मैं तरक्की का कतई विरोधक नहीं हूँ... तरक्की होनी चाहिए.... लेकिन वो राज्योत्सव जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करने से नहीं होती.. अपितु काम करने से होती है.. विषय में सकारात्मक सोच रखने से होती है... सरकार सक्षम है उन्नति लाने के लिए... तरक्की करने के लिए.. लेकिन वो कर नही रही है.. बस राज्योत्सव जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर के करोड़ों रुपये फूंक रही है... इस राज्य में एक तरफ जहाँ लोगों को आधारभूत सुविधाए नही मिल पा रही है... वही सरकार राज्योत्सव का आयोजन कर के करोड़ों रूपये फूंक रही है.. ये कहाँ का न्याय है..??? क्या ये सरकार समाज के सिर्फ एक वर्ग के मनोरंजन का सोच रही है.. जबकि दूसरा वर्ग रोटी, कपडा और मकान के लिए तरस रहा है...???
 
इस बारे में बहुत गहराई से सोचने की.. और सोच कर काम करने की ज़रूरत है....
 
आपका
 
बादशाह खान